जानिए रमज़ान में रोज़ेदारों को कौन-से 5 खास इनाम मिलते हैं, रमज़ान की हकीकत क्या है, और इस पाक महीने के फ़ायदे। कुरान और हदीस की रोशनी में पूरी जानकारी
रमज़ान की हकीकत: रोज़ेदारों के लिए 5 खास इनाम और फ़ायदे
रमज़ान का महीना बरकत और रहमत का महीना है। इस महीने में रोज़े रखकर मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोज़ेदारों को इस महीने में कौन-से 5 खास इनाम मिलते हैं? रमज़ान की हकीकत क्या है? आइए, कुरान और हदीस की रोशनी में इसे समझते हैं।

रमज़ान क्यों खास है?
- कुरान की नज़िल: रमज़ान के महीने में कुरान नाज़िल हुआ, जो इंसानों के लिए हिदायत और रहनुमाई है।
- रोज़े का हुक्म: अल्लाह ने रोज़े फ़र्ज़ किए ताकि इंसान परहेज़गार (अल्लाह का डर रखने वाला) बन सके।
- रहमत और बरकत: इस महीने में अल्लाह की रहमतें बरसती हैं, और शैतान को कैद कर दिया जाता है।
रोज़ेदारों के लिए 5 खास इनाम
1. पहली रात की रहमत:
- रमज़ान की पहली रात से आख़िरी रात तक आसमान के दरवाज़े खुले रहते हैं।
- अल्लाह रोज़ेदारों की मग़फ़िरत (माफ़ी) फ़रमाता है।
2. रोज़ेदार की दुआ क़ुबूल होती है:
- रोज़ेदार के मुंह से निकलने वाली बू (सूरत) अल्लाह को मश्क (खुशबू) से भी प्यारी लगती है।
- फ़रिश्ते दिन-रात रोज़ेदार के लिए दुआएं करते हैं।
3. जन्नत की तैयारी:
- अल्लाह जन्नत को हुक्म देता है कि वह रोज़ेदारों के लिए तैयार हो जाए।
- रोज़ेदार के हर सजदे के बदले जन्नत में एक दरख़्त लगाया जाता है।
4. गुनाहों की माफ़ी:
- रमज़ान की आख़िरी रात को अल्लाह सभी रोज़ेदारों की मग़फ़िरत फ़रमाता है।
- हर दिन इफ़्तार के वक्त 6 लाख गुनाहगारों को जहन्नम से आज़ादी मिलती है।
5. लैलतुल क़द्र (शब-ए-क़द्र):
- यह रात हज़ार महीनों से बेहतर है।
- इस रात में कुरान नाज़िल हुआ, और इसमें इबादत करने वालों को बड़ा सवाब मिलता है।
रमज़ान के फ़ायदे
1. रूहानी फ़ायदे:
- तक़्वा (अल्लाह का डर) बढ़ता है।
- गुनाहों से तौबा करने का मौक़ा मिलता है।
- दुआएं क़ुबूल होती हैं।
2. सेहत के फ़ायदे:
- दिल और दिमाग़: रोज़े से दिल मज़बूत होता है और दिमाग़ तेज़ होता है।
- मोटापा कम होता है: रोज़े से शरीर की फ़ालतू चर्बी कम होती है।
- हाजमा दुरुस्त होता है: पाचन तंत्र को आराम मिलता है।
3. समाजिक फ़ायदे:
- ग़रीबों की मदद करने का मौक़ा मिलता है।
- रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मेल-जोल बढ़ता है।
रमज़ान में किन लोगों को रोज़ा छोड़ने की इजाज़त है?
- बीमार: अगर रोज़ा रखने से सेहत को नुक़सान होगा।
- सफ़र में: लंबे सफ़र पर होने की हालत में।
- गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाएं: अगर रोज़ा रखने से बच्चे या माँ को नुक़सान होगा।
नोट: इन लोगों को बाद में रोज़े की क़ज़ा (बदला) करनी होगी।
रमज़ान में गुनाह करने वालों के लिए चेतावनी
- हदीस: हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया, “जो रमज़ान में ज़िना (अवैध संबंध) या शराब पीता है, उस पर अल्लाह और फ़रिश्ते लानत भेजते हैं।”
- गुनाह बढ़ जाते हैं: रमज़ान में नेकियों के साथ-साथ गुनाह भी बढ़ जाते हैं।
जरुरी बातें:
"रमज़ान का महीना अल्लाह की रहमत और बरकत का महीना है। इस महीने में रोज़े रखकर हम न सिर्फ़ अपनी रूह को साफ़ करते हैं, बल्कि अपनी सेहत को भी बेहतर बनाते हैं। अगर आपको ये जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करें और कमेंट में लिखें – ‘रमज़ान मुबारक!’"
FAQs :-
1. रमज़ान में कुरान कब नाज़िल हुआ?
रमज़ान के महीने में लैलतुल क़द्र (शब-ए-क़द्र) की रात को कुरान नाज़िल हुआ।
2. रोज़े का मकसद क्या है?
रोज़े का मकसद तक़्वा (अल्लाह का डर) हासिल करना और गुनाहों से बचना है।
3. क्या रमज़ान में शैतान को कैद कर दिया जाता है?
हां, रमज़ान में शैतान को ज़ंजीरों में जकड़ दिया जाता है ताकि वह रोज़ेदारों को गुमराह न कर सके।