हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा की आखिरी सेहरी और वफात का दर्दनाक वाकया | पैगंबर मुहम्मद ﷺ की पहली बीवी

दोस्तों! आज हम बात करेंगे हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा के बारे में, जो हमारे प्यारे नबी ﷺ की पहली बीवी थीं और सबसे पहले इस्लाम कबूल करने वाली महिला भी। उनकी वफात (मृत्यु) का वाकया इतना दर्दनाक है कि सुनकर आपकी आंखों से आंसू छलक जाएंगे। चलिए, शुरू करते हैं।

हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा का परिचय

हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा का जन्म मक्का में हुआ था। वह बहुत ही समझदार, ईमानदार और अमीर खातून थीं। उनके पिता का नाम खुवेलिद था, जो अपने कबीले में बहुत इज्जतदार थे। हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा ने नबी करीम ﷺ से निकाह से पहले दो बार शादी की थी, लेकिन उनके पहले दोनों शौहर का इंतकाल हो गया था।

नबी करीम ﷺ से निकाह

हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा ने नबी करीम ﷺ की ईमानदारी और सच्चाई की वजह से उनसे निकाह का पैगाम भेजा। नबी करीम ﷺ ने अपने चाचा अबू तालिब की सलाह से यह पैगाम कबूल कर लिया। निकाह के वक्त नबी करीम ﷺ की उम्र 25 साल थी, और हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा की उम्र 40 साल थी।

हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा का नबी करीम ﷺ के साथ साथ

हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा ने नबी करीम ﷺ के साथ 25 साल गुजारे। वह नबी करीम ﷺ की हर मुश्किल में साथ रहीं। जब पहली बार गारे हिरा में वही नाजिल हुई, तो नबी करीम ﷺ घबरा गए। हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा ने उन्हें तसल्ली दी और कहा, “आप इस उम्मत के नबी होंगे।”

हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा की वफात

10 रमजान उल मुबारक को हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा का इंतकाल हुआ। उनकी वफात से पहले नबी करीम ﷺ ने उन्हें जन्नत की बशारत दी। हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा ने अपनी बेटी हज़रत फातिमा रज़ि. अल्लाह अन्हा को गले लगाया और कहा, “मेरी बेटी, मैं तुम्हें अपने बाबा जान के हवाले करती हूं।”

नबी करीम ﷺ का गम

हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा की वफात ने नबी करीम ﷺ को बहुत दुखी कर दिया। वह अक्सर उन्हें याद करते और कहते, “खदीजा मेरी सबसे अच्छी साथी थी। उन्होंने मेरी हर मुश्किल में साथ दिया।”

हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा की फजीलत

हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा की बहुत सी फजीलत हैं। वह सबसे पहले इस्लाम कबूल करने वाली महिला थीं। जिब्रील अलैहिस्सलाम ने उन्हें सलाम भेजा और जन्नत में उनके लिए मोतियों का महल तैयार किया गया है।

जरुरी बातें :-

दोस्तों, हज़रत खदीजा रज़ि. अल्लाह अन्हा की जिंदगी हमें सिखाती है कि ईमानदारी, वफादारी और सब्र कैसे इंसान को अल्लाह के करीब ले जाते हैं। अल्लाह तआला से दुआ है कि हमें भी उनकी तरह एक सच्ची और ईमानदार जिंदगी गुजारने की तौफीक अता फरमाए। आमीन।

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