हज़रत मुहम्मद ﷺ रमज़ान कैसे गुज़ारते थे? | रमज़ान की तैयारी | इस्लामिक कहानी

दोस्तों! रमज़ान का पाक महीना आने वाला है। यह महीना बहुत फज़ीलत वाला है, लेकिन क्या हम इसकी तैयारी सही तरीके से करते हैं? क्या हम अपने घरवालों को भी इस महीने की अहमियत समझाते हैं? आज हम आपको बताएंगे कि हज़रत मुहम्मद ﷺ रमज़ान कैसे गुज़ारते थे और हमें इस पाक महीने की तैयारी कैसे करनी चाहिए।

रमज़ान की फज़ीलत

रमज़ान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है। इस महीने में कुरान नाज़िल हुआ था। हज़रत अबू हुरैरा रज़ि. अल्लाह अन्हा से रिवायत है कि नबी करीम ﷺ ने फरमाया, “जब रमज़ान शुरू होता है, तो जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं, जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं, और शैतानों को ज़ंजीरों में जकड़ दिया जाता है।”

रमज़ान में एक ऐसी रात होती है, जो हज़ार महीनों से बेहतर है। यह रात “लैलतुल क़द्र” कहलाती है। इस रात की इबादत का सवाब बहुत ज़्यादा है।

हज़रत मुहम्मद ﷺ रमज़ान कैसे गुज़ारते थे? | रमज़ान की तैयारी | इस्लामिक कहानी

हज़रत मुहम्मद ﷺ रमज़ान से पहले ही इसकी तैयारी शुरू कर देते थे। वह शाबान के महीने में ज़्यादा से ज़्यादा रोज़े रखते थे। हज़रत आयशा रज़ि. अल्लाह अन्हा फरमाती हैं, “मैंने नबी करीम ﷺ को शाबान में इतने रोज़े रखते देखा कि लगता था कि वह पूरे महीने रोज़े रखेंगे।”

नबी करीम ﷺ रमज़ान की तैयारी के लिए सहाबा को खुत्बा देते थे और उन्हें इस महीने की अहमियत समझाते थे। वह फरमाते थे, “यह सब्र और हमदर्दी का महीना है। इसमें अल्लाह अपने बंदों के रिज़्क में इज़ाफ़ा करता है।”

रमज़ान में नबी करीम ﷺ का रूटीन

  1. सहरी और इफ्तार: नबी करीम ﷺ सहरी खाने पर बहुत ज़ोर देते थे। वह फरमाते थे, “सहरी खाओ, क्योंकि इसमें बरकत है।” इफ्तार में वह जल्दी करते थे और खजूर से इफ्तार करते थे।
  2. कुरान की तिलावत: रमज़ान में नबी करीम ﷺ कुरान की तिलावत पर खास ध्यान देते थे। वह जिब्रील अलैहिस्सलाम के साथ कुरान का दोहराव करते थे।
  3. तरावीह की नमाज: नबी करीम ﷺ तरावीह की नमाज़ पढ़ते थे और सहाबा को भी इसकी ताकीद करते थे।
  4. दान और सदका: रमज़ान में नबी करीम ﷺ बहुत दान करते थे। वह फरमाते थे, “जो शख्स रोज़ेदार को इफ्तार कराए, उसे उसके बराबर सवाब मिलता है।”

रमज़ान की तैयारी कैसे करें?

  1. नियत साफ करें: रमज़ान की तैयारी के लिए सबसे पहले अपनी नियत को दुरुस्त करें। इस महीने में ज़्यादा से ज़्यादा नेकी करने का इरादा करें।
  2. कुरान की तिलावत: रमज़ान से पहले ही कुरान पढ़ने की आदत डालें। इस महीने में पूरा कुरान खत्म करने का लक्ष्य रखें।
  3. गुनाहों से तौबा: रमज़ान से पहले ही अपने गुनाहों से तौबा कर लें। दिल को साफ करें और अल्लाह से माफी मांगें।
  4. रोज़े की आदत डालें: शाबान के महीने में कुछ रोज़े रखकर अपने शरीर को तैयार करें।
  5. इबादत की योजना बनाएं: रमज़ान में ज़्यादा से ज़्यादा वक्त इबादत में गुज़ारने का प्लान बनाएं। तरावीह, तहज्जुद और दुआ पर खास ध्यान दें।

रमज़ान में किन बातों से बचें?

  1. गुनाहों से दूर रहें: झूठ, गीबत, चुगली और लड़ाई-झगड़े से बचें।
  2. वक्त की कदर करें: रमज़ान का हर पल कीमती है। इसे बेकार की बातों में ना गंवाएं।
  3. पर्दे का ख्याल रखें: औरतों को खासतौर पर पर्दे का ध्यान रखना चाहिए।

जरुरी बातें :-

रमज़ान आखिरत की तैयारी का महीना है। यह हमें गुनाहों से निजात दिलाने और अल्लाह के करीब लाने का मौका देता है। अल्लाह तआला से दुआ है कि वह हमें इस पाक महीने की सही तरीके से तैयारी करने की तौफीक अता फरमाए। आमीन।

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